आईसीएआर-सिफ़री ने मेसर्स एम आर एक्वाटेक के साथ “सीआईएफआरआई पेन एचडीपीई” के लिए प्रौद्योगिकी लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए
24 सितंबर, 2024
आईसीएआर-सिफ़री, बैरकपुर, कोलकाता, एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली और मेसर्स एम.आर. एक्वाटेक, भुवनेश्वर ने 24 सितंबर 2024 को आईसीएआर-सीआईएफआरआई पेन एचडीपीई प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए। एचडीपीई पेन के विनिर्माण और बिक्री के लिए पांच साल की अवधि के लिए यह लाइसेंस प्रदान किया गया। व्यावसायीकरण प्रक्रिया आईसीएआर की वाणिज्यिक शाखा एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड के माध्यम से पूरी की गई।

सिफ़री के निदेशक डॉ. बि.के. दास ने इस तकनीक के विकास के लिए काम कर रहे सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तकनीक का दूसरी बार व्यावसायीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में संस्थान ने आठ तकनीकों का व्यावसायीकरण किया है। इस तकनीक का उपयोग भारत में जलाशय और आर्द्रभूमि में स्टॉकिंग के लिए इन-सीटू गुणवत्ता वाले मछली अंगुलिमीन के उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।
डॉ. बी. के. बेहरा, मुख्य कार्यकारी, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद ने सीआईएफआरआई पेन एचडीपीई के दूसरी बार व्यावसायीकरण के लिए पूरे सिफ़री टीम को बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह तकनीक जलाशय और आर्द्रभूमि में स्टॉकिंग के लिए गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाए बिना इन-सीटू मछली अंगुलिमीन उत्पादन में क्रांति लाएगी। उन्होनें जलीय कृषि और मत्स्य पालन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी को अपनाने की उम्मीद रखी।

एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रवीण मलिक ने इस अवसर पर सिफ़री टीम और एम. आर. एक्वाटेक को बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह तकनीक भारत में इन-सीटू गुणवत्ता वाले मछली अंगुलिमीन उत्पादन में क्रांति लाने में मदद करेगी।
संस्थान के प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई के प्रभारी श्री गणेश चंद्र ने सभी अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और आईसीएआर-सीआईएफआरआई पेन एचडीपीई तकनीक के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर भारत सरकार के मत्स्य विभाग के निदेशक श्री सुभाष चंद्र भी उपस्थित थे।
*फिश पेन एचडीपीई भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नाम से पंजीकृत ट्रेडमार्क है।





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अंतिम बार 24/09/24 को अद्यतन किया गया