सिफ़री के निदेशक डॉ. बि.के. दास ने इस तकनीक के विकास के लिए काम कर रहे सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तकनीक का दूसरी बार व्यावसायीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में संस्थान ने आठ तकनीकों का व्यावसायीकरण किया है। इस तकनीक का उपयोग भारत में जलाशय और आर्द्रभूमि में स्टॉकिंग के लिए इन-सीटू गुणवत्ता वाले मछली अंगुलिमीन के उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।
एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रवीण मलिक ने इस अवसर पर सिफ़री टीम और एम. आर. एक्वाटेक को बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह तकनीक भारत में इन-सीटू गुणवत्ता वाले मछली अंगुलिमीन उत्पादन में क्रांति लाने में मदद करेगी।