भाकृअनुप- केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने बिहार के नवादा जिले के मछुआरों के लिए "अन्तर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया

भाकृअनुप- केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर द्वारा "अन्तर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है और नवादा जिले, बिहार के कुल 29 मछुआरों ने 17-23 नवंबर, 2021 के दौरान इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया है। प्रशिक्षण का उद्देश्य था अन्तर्स्थलीय जल में स्थायी तरीके से मछली की उपज बढ़ाने के लिए प्रबंधन रणनीति का मूल्यांकन और सुधार। उद्घाटन सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ. बि .के. दास ने प्रतिभागियों का स्वागत किया, उनके साथ बातचीत की और उन्हें रोजगार और आजीविका सुरक्षा उत्पन्न करने के लिए अन्तर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन के ज्ञान और कौशल को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. दास ने मछुआरों को भारत के अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी में उपलब्ध नए उद्यमशीलता के अवसरों के बारे में जानकारी दी। एक सप्ताह तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मछली पालन के विभिन्न विषयों जैसे तालाब निर्माण और तैयारी, जल गुणवत्ता प्रबंधन, प्रेरित प्रजनन तकनीक, मिश्रित मछली पालन, नर्सरी और तालाब प्रबंधन, एसआईएफ के साथ मछली की पॉलीकल्चर पर विशेष जोर दिया गया। मछली रोग प्रबंधन, चारा तैयार करना और सजावटी मछली पालन तकनीक भी सिखाया गया। पूर्वी कोलकाता आर्द्रभूमि में कल्चर सिस्टम के लिए जल गुणवत्ता विश्लेषण और फिश फीड तैयार करने के साथ-साथ प्रशिक्षुओं के फील्ड एक्सपोजर और खोलसी बील में स्थापित पेन कल्चर सिस्टम की व्यावहारिकता भी दिखाई गईं। समापन सत्र 23 नवंबर, 2021 को आयोजित किया गया था, जो प्रशिक्षण कार्यक्रम का अंतिम दिन था, जहां निदेशक, डॉ. बि. के. दास के साथ विशेष अतिथि, डॉ. बी. पी. मोहंती, सहायक महानिदेशक (अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी), आईसीएआर उपस्थित थे। लगभग 93% किसानों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से उच्च स्तर की संतुष्टि प्राप्त हुई ऐसा व्यक्त किया।

  

  





29/11/21 को अद्यतन किया गया


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